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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 गृह विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2783
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- सामुदायिक संगठन के विभिन्न उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

सामुदायिक संगठन के उद्देश्य

समाज कार्य के उद्देश्य के समान सामुदायिक संगठन का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक सदस्यों की इस प्रकार सहायता करना है जिससे सामुदायिक सदस्य अपनी समस्याओं के कारणों की खोज निकालने, आवश्यकताओं को पहचानने तथा समुदाय में आत्मनिर्भरता का दीप जला सकें और विकसित हो सकें। विशेष रूप से एक समुदाय में सामुदायिक संगठन का मुख्य उद्देश्य समुदाय की विभिन्न सामयिक आवश्यकताओं एवं उपलब्ध साधनों के बीच समुदाय में आवश्यक सहयोग, सहकारिता एवं एकता के माध्यम से समायोजन स्थापित करना है।

जिन विद्वानों ने सामुदायिक संगठन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला है उनमें से कुछ प्रमुख विद्वानों के विचार निम्नलिखित हैं-

हार्पर एवं डनहम के अनुसार - हार्पर एवं डनहम ने 1939 में संगठित नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ सोशल वर्क द्वारा नियुक्त केन कमेटी द्वारा दिये गये प्रतिवेदन के आधार पर सामुदायिक संगठन के निम्नलिखित उद्देश्यों का उल्लेख किया है। इन्हें दो भागों में बाँटकर व्यक्त किया जा सकता है- 

(1) सामान्य उद्देश्य - आपके अनुसार सामुदायिक संगठन का सामान्य उद्देश्य सदस्यों की समाज कल्याण की आवश्यकताओं एवं विभिन्न कल्याणकारी उपलब्ध साधनों के बीच प्रगतिशील समायोजन स्थापित करना है। इसे और स्पष्ट करते हुए निम्नलिखित भागों में व्यक्त किया गया है-

(i) विभिन्न प्रकार की कल्याण आवश्यकताओं का पता लगाना और उन्हें परिभाषित करना।

(ii) अयोग्यताओं की रोकथाम करना।

(iii) बदलती परिस्थितियों में उत्पन्न विभिन्न आवश्यकताओं का स्पष्टीकरण करते हुए इन आवश्यकताओं को पूरा करने वाले साधनों का पता लगाना तथा दोनों में समायोजन स्थापित करना।

(2) द्वितीयक उद्देश्य - हार्पर एवं डनहम ने सामान्य उद्देश्यों के साथ कुछ द्वितीय उद्देश्यों का भी उल्लेख किया है जो निम्नलिखित हैं-

(i) प्रभावी नियोजन कार्य के लिये वास्तविक एवं पर्याप्त आधारों की खोज करना तथा उन्हें बनाये रखना।

(ii) आवश्यक कल्याणकारी कार्यक्रमों एवं उपयुक्त सेवाओं को आरम्भ करना, उन्हें विकसित करना तथा समय-समय पर आवश्यक संशोधन करना जिससे आवश्यकताओं एवं उपलब्ध साधनों के बीच समुचित समायोजन स्थापित किया जा सके।

(iii) समाज कार्य के स्तर को ऊँचा करते हुए वैयक्तिक संस्थाओं की कार्यक्षमता को बढ़ाना।

(iv) पारस्परिक सम्बन्धों एवं सहयोग को बनाये रखने वाली विधि को आसान बनाना और विभिन्न कल्याणकारी संगठनों, समूहों एवं व्यक्तियों के बीच पारस्परिक सम्बन्ध एवं आवश्यक समन्वय को बढ़ाना एवं स्थापित करना।

(v) सामुदायिक सदस्यों को समाज कार्य के उद्देश्यों, कार्यक्रमों एवं प्रणालियों के विषय में अवगत कराना।

(vi) संचालित किये जाने वाले आवश्यक कल्याणकारी कार्यक्रमों के विषय में जनता को बताते हुए जनता का समर्थन प्राप्त करना तथा उनकी सहभागिता बढ़ाना।

मैकनील के विचार - मैकनील ने सामुदायिक संगठन के लक्ष्य को समाज कार्य के लक्ष्य के समान ही माना है, क्योंकि दोनों का केन्द्र बिन्दु मानव समाज ही है। सदस्यों की विभिन्न आवश्यकताओं एवं उपलब्ध साधनों के बीच प्रजातांत्रिक जीवन के सिद्धान्त के आधार पर आवश्यक साधनों को जुटाना सामुदायिक संगठन का महत्वपूर्ण उद्देश्य है।

मैकनील ने समाज कल्याण के क्षेत्र में सामुदायिक संगठन के निम्नलिखित उद्देश्यों का उल्लेख किया है-

(1) आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये साधनों का विश्लेषण करना।

(2) मानवीय आवश्यकताओं के विषय में तथ्यों की जानकारी प्राप्त करना।

(3) तथ्यों का संश्लेषण, सहसम्बन्ध एवं परीक्षण करना।

(4) उपलब्ध सेवाओं एवं मानवीय आवश्यकताओं सम्बन्धी तथ्यों को मिलाना।

(5) सभी सम्बन्धित व्यक्तियों एवं समूह के प्रतिनिधियों को कार्यक्रम के प्रत्येक चरणों में सहभागी बनाना।

 

(6) उत्पन्न हो रही विभिन्न सामाजिक समस्याओं के प्रति जनता में रूचि को बढ़ाना और उचित शिक्षा एवं सहभागिता द्वारा उनका समाधान खोजने के लिये जनता को प्रोत्साहित करना।

(7) प्राथमिकता निर्धारित करना।

(8) सेवाओं के स्तरों में सुधार एवं विकास लाना।

(9) विभिन्न कल्याणकारी सेवाओं में विद्यमान कमियों का पता लगाना।

(10) संचालित कल्याणकारी सेवाओं के समापन, उनका अन्य आवश्यक सेवाओं के साथ समायोजन एवं नयी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये नयी सेवाओं को विकसित करना।

(11) सामुदायिक सदस्यों में शिक्षा के माध्यम से उनके ज्ञान में वृद्धि करना।

(12) नैतिक एवं आर्थिक समर्थन को जुटाना, आदि।

सैन्डरसन एवं पोलसन के विचार - सैन्डरसन के अनुसार, सामुदायिक संगठन का सामान्य उद्देश्य समूहों एवं व्यक्तियों के बीच इस प्रकार के सम्बन्ध को विकसित करना है जिससे लोगों में एक साथ मिलकर कार्य करने की योग्यता का विकास हो सके तथा वे ऐसी सुविधाओं व संस्थाओं का निर्माण एवं सम्पादन कर सकें जिनके द्वारा वे अपने सर्वोच्च मौलिक मूल्यों के सामुदायिक कल्याण के लिये प्राप्त कर सकें।

इसके अतिरिक्त सैन्डरसन ने इन व्यक्त उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये कुछ विशिष्ट उद्देश्यों की आवश्यकता पर बल दिया है जो निम्नलिखित है-

(1) सामुदायिक तादात्म्य की चेतना।
(2) अपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति।
(3) लोगों का सामाजिक जीवन में भाग लेना।
(4) सामुदायिक भावना द्वारा समाज में सामाजिक नियंत्रण |
(5) आपसी संघर्ष एवं कलह को दूर करने के लिये सदस्यों में सहयोग बढ़ाना।
(6) अवांछित प्रभावों और दशाओं से समुदाय की रक्षा करना।
(7) अन्य विभिन्न समुदायों एवं संस्थाओं के साथ सहयोग स्थापित करके आवश्यकताओं की पूर्ति एवं समस्याओं का समाधान करना।
(8) समुदाय में एकता स्थापित करना।
(9) सामुदायिक कार्य के लिए समुदाय में नेतृत्व का विकास करना।

इस प्रकार सामुदायिक संगठन का उद्देश्य न केवल एक निश्चित भू-भाग के एक या कुछ व्यक्तियों की समस्याओं एवं साधनों में समता स्थापित करना है। बल्कि समुदाय के सम्पूर्ण सदस्यों की आवश्यकताओं एवं समुदाय परिधि के अंदर या बाहर सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा उपलब्ध विभिन्न साधनों के बीच सम्बन्ध स्थापन के लिए सामुदायिक सदस्यों को उनकी आवश्यकताओं एवं समस्याओं के अनुसार व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से शिक्षित - प्रशिक्षित कर उनकी योग्यताओं का विकास करना है। विभिन्न जाति, वर्ग एवं सम्प्रदाय के लोगों में एक-दूसरे के अधिकारों एवं कर्तव्यों के महत्व को विकसित करना है, जिससे प्रजातांत्रिक रूप से सामुदायिक कल्याण का अधिकाधिक विकास किया जा सके।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
  2. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  4. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
  5. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  6. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
  7. प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
  8. प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
  9. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
  10. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
  11. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
  12. प्रश्न- सामुदायिक संगठन से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक संगठन को परिभाषित करते हुए इसकी विभिन्न परिभाषाओं का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- सामुदायिक संगठन की विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर तत्त्वों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- सामुदायिक संगठन के विभिन्न प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।
  15. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की सैद्धान्तिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिये।
  16. प्रश्न- सामुदायिक संगठन के विभिन्न उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
  18. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन के दर्शन पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  19. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
  20. प्रश्न- सामुदायिक विकास प्रक्रिया के अन्तर्गत सामुदायिक विकास संगठन कितनी अवस्थाओं से गुजरता है?
  21. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की विशेषताएँ बताइये।
  22. प्रश्न- सामुदायिक संगठन और सामुदायिक विकास में अंतर स्पष्ट कीजिए।
  23. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन और सामुदायिक क्रिया में अंतर बताइये।
  24. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन के प्रशासनिक ढांचे का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- सामुदायिक विकास में सामुदायिक विकास संगठन की सार्थकता एवं भूमिका का वर्णन कीजिए।
  26. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
  27. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
  28. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइयें।
  29. प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
  30. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के क्षेत्र, आवश्यकता एवं परिकल्पना के विषय में विस्तार से लिखिए।
  31. प्रश्न- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम को विस्तार से समझाइए।
  32. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना के बारे में बताइए।
  33. प्रश्न- राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) पर एक टिप्पणी लिखिये।
  34. प्रश्न- राष्ट्रीय सेवा योजना (N.S.S.) पर टिप्पणी लिखिये।
  35. प्रश्न- नेहरू युवा केन्द्र संगठन का परिचय देते हुए इसके विभिन्न कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- नेहरू युवा केन्द्र पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  37. प्रश्न- कपार्ट एवं गैर-सरकारी संगठन की विकास कार्यक्रम में महत्वपूर्ण घटक की भूमिका निभाते हैं? विस्तृत टिप्पणी कीजिए।
  38. प्रश्न- बाल कल्याण से सम्बन्ध रखने वाली प्रमुख संस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- हेल्प एज इण्डिया के विषय में आप क्या जानते हैं? यह बुजुर्गों के लिए किस प्रकार महत्वपूर्ण है? प्रकाश डालिए।
  40. प्रश्न- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) से आप क्या समझते हैं? इसके कार्यों व महत्व पर प्रकाश डालिये।
  41. प्रश्न- बाल विकास एवं आप (CRY) से आप क्या समझते हैं? इसके कार्यों एवं मूल सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
  42. प्रश्न- CRY को मिली मान्यता एवं पुरस्कारों के विषय में बताइए।
  43. प्रश्न- बाल अधिकार का अर्थ क्या है?
  44. प्रश्न- बच्चों के लिए सबसे अच्छा एनजीओ कौन-सा है?
  45. प्रश्न- राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस कब मनाया जाता है?
  46. प्रश्न- नेतृत्व से आप क्या समझते है? नेतृत्व की प्रमुख विशेषताओं का विश्लेषण कीजिये।
  47. प्रश्न- नेतृत्व के विभिन्न प्रारूपों (प्रकारों) की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  48. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
  49. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण की प्रमुख प्रविधियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- कार्यस्थल पर नेताओं की पहचान करने की विधियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  51. प्रश्न- ग्रामीण क्षेत्रों में कितने प्रकार के नेतृत्व पाए जाते हैं?
  52. प्रश्न- परम्परागत ग्रामीण नेतृत्व की विशेषताएँ बताइये।
  53. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण को किन बाधाओं का सामना करना पड़ता है?
  54. प्रश्न- नेतृत्व की प्रमुख विशेषताओं को बताइए।
  55. प्रश्न- नेतृत्व का क्या महत्व है? साथ ही नेतृत्व के स्तर को बताइए।
  56. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षक से आप क्या समझते हैं? एक नेतृत्व प्रशिक्षक में कौन-से गुण होने चाहिए? संक्षेप में बताइए।
  57. प्रश्न- एक अच्छा नेता कैसा होता है या उसमें कौन-से गुण होने चाहिए?
  58. प्रश्न- एक अच्छा नेता कैसा होता है या उसमें कौन-से गुण होने चाहिए?
  59. प्रश्न- विकास कार्यक्रम का अर्थ स्पष्ट करते हुए विकास कार्यक्रम के मूल्यांकन में विभिन्न भागीदारों के महत्व का वर्णन कीजिए।
  60. प्रश्न- विकास कार्यक्रम चक्र को विस्तृत रूप से समझाइये | इसके मूल्यांकन पर भी प्रकाश डालिए।
  61. प्रश्न- विकास कार्यक्रम तथा उसके मूल्यांकन के महत्व का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के प्रमुख घटक क्या हैं?
  63. प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?
  64. प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन की प्रक्रिया का उदाहरण सहित विस्तृत वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- अनुवीक्षण / निगरानी की विकास कार्यक्रमों में क्या भूमिका है? टिप्पणी कीजिए।
  66. प्रश्न- निगरानी में बुनियादी अवधारणाएँ और तत्वों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  67. प्रश्न- निगरानी के साधन और तकनीकों का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  68. प्रश्न- मूल्यांकन डिजाइन (मूल्यांकन कैसे करें) को समझाइये |
  69. प्रश्न- मूल्यांकन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा कीजिए।
  70. प्रश्न- मूल्यांकन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- निगरानी का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  72. प्रश्न- निगरानी के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- निगरानी में कितने प्रकार के सूचकों का प्रयोग किया जाता है?
  74. प्रश्न- मूल्यांकन का अर्थ और विशेषताएँ बताइये।
  75. प्रश्न- निगरानी और मूल्यांकन के बीच अंतर लिखिए।
  76. प्रश्न- मूल्यांकन के विभिन्न प्रकारों को समझाइये।

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